Saturday, January 16, 2010

Firing a fire fighter...

When I declared the decision of establishing my own software company at my hometown - छपरा, people were terrified. I don't blame them as the idea of opening a software company in a place like छपरा is akin to the idea of opening a लिट्टी stall on the Wall Street. Even then I went ahead and established Ramadhar Solutions Pvt. Ltd.

After 10 years, when I look back I feel extremely satisfied and content that I proved my critics wrong. But in this journey, I had to face some stiff situations which I never thought I would face and had to make some decisions which would easily qualify as case studies in 'Decision Making' in any of the top business schools.

I am just going to narrate one such incident:

  • का हो बिनोद, का होखता हो?
  • का भइल भईया
  • न तहरा त हम बहुत्ते तारीफ़ सुन तानी आज कल। बड़ा नीमन काम कर तार तू।
  • का भइल भईया, बतायीं न, अइसे भीजां भीजां के मत मारीं।
  • न तहरा भीजां के मारी के सुखा के, रहब त तू कुक्कुर के कुक्कुरे।
  • का हो गईल भईया अइसे काहे बतियावातानी।
  • बतियावे के मन त करते नइखे हमार। मन त हमार करता की तहरा के कॉम्प्रेस क के डिलीट क दीं।
  • ऐ भईया, चाहे त जूता से मार के हमार मुंह लाल क दीं, पर बताईं के का भईल बा।
  • परेसान हो गईल बानी तहार सिकायत सुन सुन के भाई! जे काम करे के मन नइखे त कह द।
  • ना भईया, अईसन कौनो बात नइखे।
  • सब कोई के तू दांत कटले बाड़ का, जे सब कोई तहार सीकायत करता? हम खुदे observe कइले बानी, तू अत्त लम्पटगिरी करेल।
  • का कईनी भईया?
  • मुस्किल त ईहे बा की तू कुछो करते नईख। तहरा दू घंटा के कोडिंग में दू दिन लागेला। हम तहरा कभियो soft skills के training करत ना देखनी हं। तहार timesheets के कौनो ठिकान नइखे। तू एकदम्मे गोबर बाड़ का हो?
  • ना भईया, ई सब सच नइखे। चाहे त रजुआ से पूँछ लीं।
  • हं हं, काहे ना, एगो रजुए त तहार चमचा बा। ऊ भक्चोंदरवा के त हम अलगे देखब। ओकरा Java औ .NET एके बुझाला। हमारा सब पता बा, तू अ राजू, दुनो राते ऑफिस में रुक के Office LAN पे गेम खेलेला सन।
  • ना भईया, हमरा गेम खेले के होई त घरे ना खेलेब? पता ना के राउर कान भर देले बा?
  • ऐ बाबु, ढेर अंग्रेजी मत पाद हमरा सामने, बुझला नु। तहार जईसन के हम टट्टी छुड़ा देले बानी। ऊ सब त बाद के बात बा। ऊ client भिसीट के दिन तू jeans पेंट चमका के आ गईल रहला औ मुंहवा से मार पान गमकत रहे। ईहे professionalism बा तहार?
  • ऐ भईया, हम सीना ठोक के कह सकेनी की client हमारा से best impress रहे।
  • हं हं, काहे ना रही। तू whiskey पीये खातिर इतना खातिरदारी जे कईला, औ पी के जे गंध मचईले बाड़ तू, ऊ याद बा तहरा? ऊ दिन अगर client ना रहित नु, त चप्पले चप्पल देतीं तहरा।
  • काहे भईया, कौनो गलती भइल का हमरा से?
  • अरे छुछुंदर, अभियो नौटंकी? साले, हम सब देखले बानी जे जे कारनामा तू पी के कईले बाड़। ऊ कलाएंटवा के ठेठ में गाली देत रहला तू?
  • ना भईया! के कहलस रुआ से?
  • भक साले, हम अपना आँख से देखले बानी सब। तू CLIENT के जे सायरी सुनइले रहला नु, ऊ हमहू सुननी ह कान लगा के। का पोएट्री पदले रहला तू ओ दिन?
  • कुछो ना भईया। हम त बस एने ओने के बात करत रहनी।
  • एने ओने के बात?! हमरो सुनावा ना ऊ तहार poem जे तू client के ऊपर लिखले रहला। "You are simple, sober and pure गोबर। Your visit is majestic, divine and super कीचाइन"। अरे सूअर, ऊ कलाएंटवा सारा दिन जेकरा से मिलत रहे, सब से बस गोबर के मतलब पूछत रहे। ऊ त कह के , हम topic change कर देनी हर समय, ना त गोबर पुता जाईत ई company पे।
  • Sorry भईया, ऊ त हम दारू ना पीले रहीं।
  • एक दिन, दारू पी के हमार खूनो कर दिहा। ठीक नु?
  • का बोला तानी भईया, राउर त हमार बड़ भाई जइसन बानी।
  • देख बिनोद, हम बहुत्ते सोच समझ के ई decision ले ले बानी की तू हमरा के माफ़ क द। बोरिया बिस्तर बाँध अ निकल एहिजा से।
  • का?!! का भईया? हमरा के निकाल तानी? हमरा के?
  • बस निकालते बानी, जूता नइखी मारत तहार मुंह पे, ठीक बा नु?
  • एतना दिन के सेवा के ईहे परिणाम भईया?
  • जेतना सेवा कईला, ओकरा खातिर बहुत बहुत धन्यबाद, तहार जइसन सेवक दूसमनो के ना भेटाव, राम राम
  • भईया, हम चल जाएब त ई कंपनी के खातिर ठीक ना होई, दोबारा सोच लीं।
  • हाँ! अब लगला तू देसी बोले। तब ले अंग्रेजी में बुदबुदात रहला। तहार मीठा बोली बंद करावे के भी इन्तेजाम कईले बानी। ल आपन बाप से बात कर।

  • हेल्लो।
  • हाँ, जगमोहन पाण्डेय बोल तानी। चिन्हला?
  • परनाम सरकार।
  • परनाम। अच्छा बिनोद, एगो बात बतावा, ई सुधिरवा औ बिनइया तहरे नु साथी बाड़े सन?
  • जी सरकार।
  • ऊ दोनों के रिमांड में रखले बानी हम। MLA के बेटी के छेड़े के complaint आईल बा। तहरो नाम बा ओमे , कब आके धरी तहरा?
  • ऐ हुजूर, हमरा कौनो हाथ नइखे ऊ incident में। हमरा जाए के बाद ऊ लोग बदतमीजी कईले रहे।
  • तू कह तारा त हम मान ले तानी, बाकी एगो बात कान खोल के सुन ल, आगे से एक्को गो complaint आईल ह, त हम तहरा खुदे आके जुतियात जुतियात थाना ले जाएब। बुझला नु?
  • जी सरकार।
  • हं, धर द।

  • त बिनोद जी, बिदाई लीं, राउर release letter हम कल पोस्ट से भेजवा देब।
  • परनाम भईया।
  • परनाम।

So, this was one of those numerous instances when I fired my employee. It was nowhere similar to any of those exit meetings which happen in those Multi-national software companies. Here, I not only had to deal with the employee on a more personal level, but also had to think about how to tackle the detrimental actions which may result from the expulsion. In the 10 year history of RSPL, I had to deal with many such employees who had a destructive bent of mind and criminal links. Firing them was the most difficult task. I called them the Fire Fighters. But then, I made it clear in the begining that Ramadhar Solutions Pvt. Ltd. was just not any other software company.